मै "हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका" का ह्रार्दिक आभारी हूँ, विशेषकर श्री देवाशीष जी का, जिन्होने मेरे चिट्ठे को इस समुह के योग्य समझा.हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका समुह के सभी साथियो से मेरा निवेदन है कि समय समय पर मेरा मार्गदर्शन करते रहे, और मेरी गलतियो के लिये मेरा कान खीचते रहे,ताकि मेरे जैसा नया लेखक भी किसी दिन उन जैसा बन सके.
मेरे दूसरे मित्र जो "हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका" से वाकिफ नही है, उनको मै बताना चाहूँगा कि "हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका" हिन्दी मे लिखने वाले, मेरे से ज्यादा योग्य और अनुभवी लेखको का समुह है.इनकी रचनाओ का आनन्द लेने के लिये आप मेरे पन्ने के आखिर मे दिये लिन्क का प्रयोग करे.
आशा है आपको इन सभी की रचनाये पसन्द आयेंगी. और हाँ मेरे पन्ने को भूलियेगा मत.
Sunday, September 26, 2004
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment