Monday, September 20, 2004

यू.पी.ए.सरकार : सौ दिन का लेखा जोखा

इस लोकसभा चुनाव मे सत्ता हासिल करने के लिये कांग्रेस को तेलगू देशम,जयललिता और समाजवादी पार्टी का धन्यवाद करना चाहिये.

फिर बारी आई त्याग एवम समर्पण के नाटक की, (कम से कम मै तो इसे नाटक ही कहूँगा, आप क्या कहेंगे आप जाने.)

कांग्रेस ने चुनाव के पहले आम आदमी के बारे मे बहुत कहा था, लेकिन सत्ता मे आने के बाद, कांग्रेस अभी तक आम आदमी को ढूंढ नही सकी है,इसलिये विकास की तो दूर की बात है. वैसे भी बहुत से गम है जमाने मे विकास के सिवा.... (चचा गालिब बेअदबी के लिये माफ करे..)
आइये कुछ नजर यू.पी.ए. सरकार के मंत्रियो के कार्यो पर डाले.

संसद अखाड़ा बन गयी है, बेचारे गुलाम नबी आजाद समझ नही पा रहे है, किसे दोष दे.
अर्जुन सिंह अभी बदले चुकाने मे लगे है, और बताने मे लागे है कि हमसे Secular कौन?
चिदम्बरम जी ने तो दिखा दिया कि इस बार ज्यादा उम्मीद मत रखे.
नटवर सिंह (नाट अवैयर सिंह),इराक मे बन्धक बनाये गये भारतीयो पर सुबह शाम बयान बदलते रहे, धन्यवाद हो
के.जी.एल. कम्पनी का,जिसने पैसे(सौरी डालर) देकर भारतीयो को छुड़ाया, लेकिन
क्रेडिट लेने के समय नटवर सिंह आगे जरुर आये.
ळालू यादव अभी बयानबाजी मे ही व्यस्त है. ज्यादा कहना सूरज को दिया दिखाना है.
मणिशंकर अय्यर पहले ही महाराष्ट मे मुसीबत खङी कर चुके है.
तस्लीमुद्दीन वगैरहा पर लिखने के लिये मेरे पास समय ही नही है,फिर कभी सही.
बचे बेचारे मनमोहन सिंह जी, सही आदमी गलत जगह पर, अभी मैडम ने कुछ करने की अनुमति नही दी है.

इस सरकार मे चार चार PM है....
PM: मनमोहन सिंह जी : जो सिर्फ सुनते है
Super PM: मैडम सोनिया :जो सिर्फ हुक्म सुनाती है
Virtual PM: CPM :जो जल्दी ही सुनाने वाले है.
Ultra PM :ळालू यादव :जो किसी की नही सुनता

सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री ,मनमोहन सिंह जी को रिपोर्ट नही करते,जो करते है, बात नही मानते.
बहुत से मसले जैसे पंजाब सरकार का बिल,मणिपुर स्थिति, अरूणाचल प्रदेश समस्या,सावरकर मुद्दा आदि, पर सरकार का रुख स्पष्ट नही है.
मंहगाई अपने उच्चतम स्तर पर जा पहुँची है,
इस पर आप की क्या राय है, जरूर लिखियेगा...................................
इन्तजार मे........................................ जितेन्दर चौधरी.

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