माफी चाहूँगा, कि बउवा के प्रेम पत्र वाला किस्सा अधूरा छोड़ा है.....
लेकिन इस बीच कुछ घटनाये हुई, जिस पर लिखने के लिये हाथ मचल रहे है.अभी कल ही दो चार बाते सामने आयी है, जिस पर हमने मिर्जा साहब की प्रतिक्रिया दर्ज की है, पहली घटना था, कि बिहार के हाईकोर्ट ने बिहार की जेलो पर छापा मारने का आदेश दिया, बहुत अच्छी बात है.....जेलो से ही अपहरण और फिरौती का धन्धा चल रहा था, और बिहार सरकार यह बात मानने को तैयार ही नही थी.मिर्जा साहब का कहना है, देखो बरखुरदार! जब तक बिहार सरकार के मंत्रियो के यहाँ छापा नही पड़ता और राजनेताओ और अपराधियों के गठजोड़ का भान्डाफोड़ नही होता, तब तक कुछ नही हो सकता. वैसे भी उनके मंत्रियो और अपराधियो मे फर्क कर पाना बड़ा मुश्किल है, कई बार जेल मंत्री टीवी पर दिखा तो हम समझे कि किसी अपराधी का इन्टरव्यू दिखाया जा रहा है. इन छापों के बाद तो सरकार अपने हाथ धो लेगी, और बोलेगी कि जेल अधिकारी ही दोषी है, और एक आयोग बैठा दिया जायेगा, जो अगले दस बारह साल तक सरकार की रोटियां तोड़ेगा, पांच सितारा होटलों मे बैठके करेगा और रिपोर्ट के नाम, इक वाहियात सा चिट्ठा पकड़ा देगा, जिसको पढने के लिये एक और आयोग बनेगा.सो किसी चीज की उम्मीद करना बेकार है, हाँ अपराधियों से निपटने के लिये सामूहिक चेतना ही आवश्यकता है, पब्लिक अगर मिल कर जेल पर धावा बोले और दो चार अपराधियों को ऊपर पहुँचाये तो बात समझ मे आती है. या फिर कोर्ट मे नागपुर वाला काण्ड दोहराया जाय. तब कंही जाकर अपराधियों को डर लगेगा, नही तो बिहार से व्यापारियों,डाक्टरो और अन्य पेशेवर लोगो का पलायन तो चालू है ही....
दूसरी घटना थी, कि लैपटाप इस्तेमाल करने से पुरूषो की प्रजनन क्षमता को खतरा है....... मिर्जा का कहना है कि आज संजय गान्धी जिन्दा होता हो कितना खुश होता, अपनी माता सलाह किये बिना और बिना पूछे , लाखो करोड़ो लैपटाप का आर्डर कर देता, लोगो को जबरदस्ती लैपटाप दिया जाता, बस कन्डीशन यही होती कि चौबीस घन्टे लैपटाप, अपनी गोद मे ही रखना............कितना अजीब लगता, जब मुंगेरीलाल रिक्शे पर बैठकर लैपटाप से "मेरा पन्ना" पढता. दूसरी तरफ देखा जाये तो दरअसल पूरा मामला तो तापमान का है, इसलिये क्यो ना लोगों के घरो मे एक ताप कक्ष बनाना अनिवार्य कर दिया जाये, जब भी बन्तासिंह का मूड बने, सरदारनी को बोलेंगे , "मै हुणे अभी ताप कक्ष तो होके आन्दा हूँ, तुस्सी तैयार रहो".
तीसरी घटना थी,पिछले कुछ दिनो से अम्बानी बंधुओ मे आपसी सर फुट्टवल की, मिर्जा का कहना है मामला कुछ भी नही है, बस दिक्कत है तो दोनो भाइयो के आमने सामने बैठने की, सारा किस्सा दलालो के द्वारा सामने आ रहा है, दोनो आपस मे बैठ जाय, तो मामला चुटकियों मे सुलझ जायेगा, बशर्ते कोई बिचौलिया और चमचे आसपास ना हो. धीरूभाई ने यह कभी भी नही सोचा होगा कि उसकी औलाद ही उसके सपने को तोड़ देगी.......वैसे भी देखा जाय तो दोनो भाइयो के झगड़ने मे कइयो का फायदा है, कुछ लोग चाहते भी यही है, दोनो भाइयो को अपने दिल की बात सुननी चाहिये और अखबारबाजी से बचना चाहिये और जितनी जल्द हो सके एक मुलाकात कर लेनी चाहिये.
और आखिरी घटना थी न्यूज चैनलो द्वारा दिखाया जा रहा अपराध सम्बंधित कार्यक्रम....आजतक वालो ने एक प्रोग्राम क्या शुरू कर दिया, सारे चैनलो ने भर भर कर अपने अपराध के प्रोग्राम देने शुरु कर दिये, यहाँ तक तो ठीक ही था, मगर इन अपराध सम्बंधित कार्यक्रमो के सारे के सारे प्रस्तुतकर्ता खुद अपराधी दिखते है, बस अजीब तरह से बोलना आना चाहिये, दाढी बढी हुई हो तो सोने पे सुहागा, और चेहरे पर जरूर क्रूरता दिखनी चाहिये..........नही तो लोगो को डर कैसे लगेगा... अभी कुछ दिन पहले माँ अपने बच्चे को डरा रही थी, जल्दी से सो जाओ नही तो मै फलाने चैनल पर क्राइम प्रोग्राम के प्रस्तुतकर्ता को बुला दूंगी.
और अभी अभी मिली खबर के अनुसार, बिहार के सोनपुर के पशु मेले मे चलने वाले कैबरे डान्स को पटना हाईकोर्ट ने बन्द करवाने के आदेश दे दिये है......ये नग्न नाच काफी दिनो से चल रहा था..और सरकार,आयोजक और किसान सभी खुश थे........मिर्जा की प्रतिक्रियाः "बेचारे मेले मे आने वाले किसानो का क्या होगा, उनकी जागरूकता के लिये ही तो यह कैबरे का आयोजन कराया गया था, आयोजक तो वैसे ही परेशान थे, कि पशु मेले की लोकप्रियता दिन पर दिन घटती जा रही है, मेला तो बस अब किताबो मे ही दिखता है, असल मे खरीद फरोख्त मे काफी कमी आ गयी है, इसलिये ऐसे हथकन्डो का सहारा लिया जा रहा है, ताकि लोग मेले मे आ सके, वो सहारा भी जाता रहा". अभी इस मुद्दे पर बिहार सरकार का स्पष्टीकरण आना बाकी है.
आजकल लगता है बिहार मे शासन की जिम्मेदारी, राबड़ी सरकार से छिनकर, हाईकोर्ट के पास आ गयी है, क्योंकि राबड़ी सरकार तो हमेशा अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़कर, सोती रहती है.
Thursday, December 09, 2004
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2 comments:
जितेन्दर, अब बहुत हो गया, अब जल्दी से बउआ पुराण का अखंड पाठ समाप्त किया जाय
समाप्त नहीं जारी रखा जाये बउवा पुराण.
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