Tuesday, December 14, 2004

ब्लागर की रूसवाई

अब मै आप लोगो को क्या बताऊ, इस ब्लागर की बदमाशियां, पहले पहल तो इसने परेशान किया ब्लाग की टिप्पणी को लेकर, फिर ब्लाग की पोस्ट को लेकर, और अब परेशान कर रहा है, पोस्ट को एक्सपोर्ट को लेकर........ऊपर से तुर्रा ये कि दिन मे दो दो बार डाटाबेस बन्द करते है.........ये लोग गूगल भइया का काफी सारा माल भी पी गये और सेवा तो आप देख ही रहे है.

इसमे कोई शक नही कि ब्लाग लिखना शुरू करने के लिये इससे अच्छा तरीका कोई नही है, तुरत फुरत मे ब्लाग तैयार हो जाता है, और उससे भी अच्छी बात कि निशुल्क सेवा, यानि कि फ्री का माल डाट काम. लेकिन अगर आप सचमुच अपने लिखे को सुरक्षित रखना चाहते है, या फिर कभी किसी और जगह स्थानान्तरित होना चाहते है, तो ब्लागर से ज्यादा बदमाश आपको कोई नही मिलेगा. तो जनाब दो महीना पहले ही मै समझ गया था, कि फ्री मे सबकुछ नही मिलने वाला, सो अपना ठिकाना तलाशना शुरु कर दिया था. इसमे मदद कर रहे थे, हमारे पंकज नरूला जी, जो इस प्रोजेक्ट मे हमारे द्रोणाचार्य बने, उन्होने कुछ वैब होस्टिंग कम्पनियों के नाम सुझाये, फिर उनके बारे मे जांच पड़ताल की गयी और फिर मामला अटक गया नाम पर, पंकज जी ने दो नाम सुझाये थे, http://www.jitu.ws & http://www.jitu.info , अब भला मेरी हिम्मत कि मै उनके सुझाये नामो पर बहस करू सो थोड़ा सोच विचार कर और अन्ततः अपने क्रेडिट कार्ड पर बोझ डालते हुए अपने पल्ले से पैसे खर्च करके www.jitu.info को रजिस्टर किया गया, ये काम तो हो गया, अब मामला फंस गया वैब होस्टिंग को लेकर, जो काफी डिस्कशन के बाद जाकर http://www.linksky.com के LinkSky Ultra पर जाकर सैट हो गया, क्योंकि ये लोग ज्यादा स्पेस दे रहे थे (2000MB) और सारी की सारी स्क्रिप्ट का स्थापन भी इनके जुम्मे था, हाँ बस पैसे हमे खर्च करने थे, वो भी ज्यादा नही US$ 11 हर महीने, ये भी ठीक ही था. और अपनी औकात मे भी था, चलो जनाब ये भी हो गया. अब मामला फंसा था, अपने ब्लाग को नये पते पर ले जाने का. पंकज जी संकटमोचन के रूप मे सामने आये और एक साइट का पता दिया, जिसने बड़े ही अच्छे तरीके से समझाया था, कि कैसे अपने चिट्ठे को ब्लागर से वर्डप्रेस मे स्थानांतरित करे, हमने ट्राई की, पंकज जी भी ट्राई किये, ब्लागर था कि अड़ा हुआ था,चिट्ठे सही तरीके से भेज ही नही रहा था, फिर भी हम लोग लगे रहे, बेचारे पंकज जी की कई बार चाय काफी ठन्डी हो गयी, इन सब कामों मे, और मेरे को भी कई बार बीबी की सुननी पड़ी, बोल रही थी, "खुद तो फालतू हो ही, ऊपर से बेचारे पंकजजी को भी लपेटे मे ले लिया", और अड़ गयी की मेरे को उनकी मिसेज से बात करवाओ, तो मै उनको भी समझाऊ, किसी तरह से सीजफायर एग्रीमेन्ट हुआ, और ये डिसाइड हुआ कि ब्लागर स्थानान्तरण का काम, घर के किसी काम मे आड़े नही आयेगा और हफ्ते के आखिर मे ही किया जायेगा. फिर पंकज जी का कम्पयूटर ज्ञान और कुछ अपना भूला बिसरा ज्ञान, हमने गलती को पकड़ ही लिया, और ब्लाग नयी जगह पर स्थानांतरित होने लगे, लेकिन अब अड़ंगा था, कि ब्लागर से 36% के बाद अपने हाथ खड़े कर दिये है, बोला नही ट्रांस्फर करता क्या कर लोगे? अभी सिर्फ दिसम्बर और नवम्बर के ब्लाग ही स्थानांतरित हो पाये है, और सबसे बड़ी बात, पुरानी सारी टिप्पणियां नये मे स्थानांतरित नही हुई है, शायद बिल्लू भइया का कट एन्ड पेस्ट का तरीका काम मे लाना पड़ेगा........................................चलो इतना हो गया यह भी बहुत है, सो हमने सोचा कि चलो अब से नये पते पर ही पोस्टिंग करेंगे.


अब परेशानी आने लगी कमेन्टस की, ना जाने कहां कहां से लोग बाग आने लगे, टिप्पणियां करने, CASINO,BAR,SEX वगैरहा वगैरहा के इन्वीटेशन के साथ..... इन टिप्पणियों को SPAM COMMENTS कहाँ जाता है, उनको हटा हटा कर ही परेशान रहे, फिर कंही जाकर कुछ इलाज किया, अभी भी, कुछ टिप्पणियां है जो पंगे ले रही है, एक टिप्पणी पढकर तो बहुत हंसी आयी उसमे लिखा था....."Mother Died yesterday, may be today, Don't know.... Click here for online POKER"...........अब आप बताये... माँ के मरने पर कोई पोकर खेलने जायेगा क्या? अभी तो मैने कुछ इलाज किया है, इन कमेन्टस का फिर भी देखते है, संकटमोचन पंकजजी के पास कुछ और सही समाधान है क्या?

एक और दिक्कत थी, अपने ब्लागर भाइयों के लिंक को नये पते पर डालने की, अगर एक एक करके डालते हो फिर हो गया काम, फिर बार बार टैम्पलेट के साथ छेड़छाड़ अलग से........सो पंकज जी ने देबाशीष बाबा की लिखी OPML स्क्रिप्ट का सूझाव दिया, जो काम कर गयी, और सारे ब्लागर भाइयों के लिंक नये पन्ने पर आ गये है, बोलो देबाशीष बाबा की जय.

अभी भी नये पन्ने को पूरी तरह से सैट नही कर पाया हूँ, मेरे पास देब भइया की मेल आती ही होगी कि वैबरिंग वाली स्क्रिप्ट क्यो नही लगायी अब तक? सो पहला काम वही करता हूँ.अभी भी कुछ और परेशानिया तो है, लेकिन नये मकान मे कुछ भी ट्रायल करने के लिये हाथ खुले है और मन मे काफी जोश है, गर्दन अकड़ी हुई है, कि अपनी वैबसाइट है, लोगो को फोन कर करके बताने मे समय निकल जाता है, कि अपनी वैबसाइट बना ली है, लोग का क्या रिएक्शन है, इस पर तो पूरा ब्लाग लिखा जा सकता है.....खैर इसकी कहानी फिर कभी. आज के लिये बस इतना ही.......

अभी अभीःमैने अपने चिट्ठे की सारी पोस्ट को नये चिट्ठे http://jitu.info/merapanna पर स्थानांतरित कर लिया है, लेकिन अभी कुछ दिनो तक अपने चिट्ठे दोनो जगह पर प्रकाशित करता रहूँगा.

1 comment:

Anonymous said...

जीतू जी,

आप jitu.nu के बारे में बताना तो भूल ही गए। बाकी टिप्पणी स्पैम का इलाज यहाँ से हो सकता है

http://unknowngenius.com/blog/archives/2004/11/19/spam-karma-merciless-spam-killing-machine/

प्लगइन है, wp-content/plugins में ड्रॉप कर के एक्टीवेट कीजिए और Kill them all.

पंकज